संपादकीय
आदरणीय वार्ष्णेय बन्धुओ, हमने विगत वर्षो में अनेक स्मारिकये प्रकाशित की है एवं इस बार वार्ष्णेय बन्धुओ के पारिवारिक सदस्यों की जानकारी एकत्रित कर पुनः आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है.
यह स्मारिका वार्ष्णेय समाज में मैत्रीभाव सहयोग सदभावना एवं पारिवारिक मिलन का प्रतीक है. सभी बन्धुओ से नम्र निवेदन है की समाज की गतिविधियों में सक्रिय भाग ले एवं इस वार्ष्णेय सभा के वट वृक्ष को सीचे जिससे आनेवाली पीड़ी को छाव मिल सके.
यह स्मारिका वार्ष्णेय समाज में मैत्रीभाव सहयोग सदभावना एवं पारिवारिक मिलन का प्रतीक है. सभी बन्धुओ से नम्र निवेदन है की समाज की गतिविधियों में सक्रिय भाग ले एवं इस वार्ष्णेय सभा के वट वृक्ष को सीचे जिससे आनेवाली पीड़ी को छाव मिल सके.
वैश्य समाज
विगत वर्षो से वैश्य वर्गों का समाज देश को आर्थिक, धार्मिक, सामाजिक आदि अतुलनीय सहयोग देता रहा है. देश में वैश्य समाज कि लगभग 372 उपजातिया है. इनमे से वार्ष्णेय वैश्य अधिकतर हाथरस, अलीगढ, चंदौसी, मुरादाबाद एवं मथुरा जिले व आसपास के तहसील में बसे हुए है.वार्ष्णेय वैश्य अधिकतर व्यापर या नौकरी में है. वार्ष्णेय परिवार के बच्चे अधिकतर नौकरियों पर देश - विदेश में पदस्थ है. समाज उन पर गर्व महसूस करता है.